सिंगापुर से आए इंजीनियर ने कहा- मुझे कोरोना का संदेह फिर भी डॉक्टर ने उसे सामान्य मरीजों के साथ कतार में लगवा दिया

शाजापुर / कोरोना से बचाव के लिए देशभर में बरते जा रहे इंतजाम के बीच शाजापुर के जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही सामने आई। यहां पहुंचे ग्राम मदाना निवासी विजयसिंह पिता कुमेरसिंह ने डॉक्टरों से कहा कि 6 मार्च को सिंगापुर से आया हूं और तभी से सर्दी-खांसी है। गले में भी इंफेक्शन है। ऐसे में मुझे शंका है कि कहीं कोरोना तो नहीं हो गया। बावजूद इसके डॉक्टर बगैर मास्क पहने ही उससे चर्चा करते रहे। युवक भी मास्क लगाकर ब्लड बैंक के बाहर सामान्य मरीजों की बीच खड़ा रहा। बाद में वहां पहुंचे अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. शुभम गुप्ता ने मौजूद डॉ. सक्सेना को सुरक्षा संबंधित निर्देश याद दिलाए। इधर, अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों ने भी ताबड़ तोड़ मास्क पहन लिया। ब्लड चेक कराने के लिए पर्ची लेकर लाइन में खड़े युवक को डाॅक्टरों की टीम ने बाहर बुलाया और उसे अस्पताल में बनाए गए कोरोना (आइसोलेशन) वार्ड में भेजा। करीब 20 मिनट तक उस वार्ड में रखकर डॉक्टरों ने उसका उपचार किया। हालांकि इस दौरान उसमें कोरोना संबंधी कोई लक्षण नहीं दिखे। इस पर डॉक्टरों ने उसे होम आइसोलेशन (स्वस्थ होने तक घर में रहने) की सलाह देकर वापस भेज दिया।


डॉक्टर ने भी जांच के दौरान नहीं लगाया था मास्क 
संदिग्ध अवस्था में अस्पताल आए युवक से बगैर मास्क लगाए डॉक्टर आलोक सक्सेना चर्चा करते रहे। इतना ही नहीं डॉक्टर उस समय डेंटल वार्ड में बैठे थे। उन्होंने विजयसिंह को भी सामान्य मरीजों की तरह उसी कक्ष में बुलवा लिया। चर्चा के बाद ब्लड चेक कराने के लिए पर्चा लिख दिया। यानी संदिग्ध को भी अलग वार्ड में भेजने के बजाए उन्होंने सामान्य मरीजों के बीच भेज दिया। हालांकि बाद में डॉक्टर सक्सेना ने कहा कि युवक में कोरोना संबंधी कोई लक्षण ही नहीं थे। ज्ञात रहे मदाना निवासी विजयसिंह सिंगापुर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और 6 मार्च को अपने गांव आए हैं।


संदिग्ध मरीजों के वार्ड में धूल-मिट्‌टी, सफाई के बाद मरीज को बुलाया
कोरोना संदिग्धों को भर्ती रखने के लिए बनाए गए वार्ड की सफाई व्यवस्था की भी पोल खुल गई। संदिग्ध मरीज के आने पर जब इस वार्ड को दरवाजा खोला गया तो धूल व मिट्टी जमी दिखाई दी। इस पर ताबड़तोड़ कर्मचारियों ने सफाई की। झाडू से सफाई करने के बाद मरीज को वार्ड में शिफ्ट किया गया।


उक्त युवक में ऐसे कोई लक्षण दिखाई नहीं दिए। इस कारण उसे होम आइसोलेशन की सलाह देकर भेज दिया है। कोई लक्षण नहीं दिखने पर ही मौजूद डॉक्टर उससे सामान्य तरीके से चर्चा कर रहे थे। हालांकि बाद में सभी को एहतियात के तौर पर पूरे समय मास्क लगाने के निर्देश दे दिए हैं।


डॉ. शुभम गुप्ता, प्रभारी सिविल, शाजापुर