रायपुर। राजधानी रायपुर में शराब की अवैध बिक्री और सट्टे पर सख्ती का आदेश कोई नया नहीं है। पहले भी कई बार थानेदार और सीएसपी को पुलिस के आला अधिकारी आदेश देते आए हैं, लेकिन सारे आदेश कुछ दिनों में ठंडे बस्ते में डाल दिए जाते है। दरअसल हर आदेश के बाद थाना पुलिस सक्रिय होकर छोटे सटोरियों और शराब बेचने वालों की धरपकड़ केवल खानापूर्ति के लिए करती है। हर बार बड़े सटोरिए और शराब तस्कर पुलिस की गिरफ्त से बच निकलते हैं।
राजधानी रायपुर में जुआ, सट्टा, शराब और गांजा बेचने वालों की संख्या हर साल बढ़ रही है। इसके पीछे वजह यह है कि सारा कारोबार थाना क्षेत्र की पुलिस और आबकारी विभाग के संरक्षण में संचालित हो रहा है। स्थिति यह है कि शराब, गांजा तस्करों ने अपने-अपने इलाके बांट लिए हैं। शहर का ऐसा कोई इलाका नहीं बचा जहां पर शराब की अवैध बिक्री और सट्टे का खेल न चल रहा हो। हर बार पुलिस के आला अधिकारी ऐसे कारोबार करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश देते हैं, लेकिन ये आदेश कुछ दिनों बाद ही ठप पड़ जाते हैं। थानेदार अपने-अपने क्षेत्र में छापामार कार्रवाई करके अवैध कारोबार करने वालों को साफ चेता देते हैं कि कुछ दिनों तक ये सब बंद रखें। बाद में दोबारा यह कारोबार फलने-फूलने लगता है।
गुरुवार को शराब की तस्करी को लेकर विधानसभा में मामला उठने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप डीजीपी डीएम अवस्थी ने सभी जिले के एसपी को निर्देश जारी किया है। उन्होंने पत्र लिखकर कहा है कि अवैध शराब की बिक्री और सट्टे का मामला सामने आने पर पर संबंधित थाना प्रभारी को निलंबित करने के साथ एसपी को भी जिम्मेदार माना जाएगा। अब इस आदेश का आने वाले दिनों में क्या असर दिखाई देगा, यह तो साफ नहीं, लेकिन अभी भी कई इलाकों में शाम ढलते ही शराब बेचने और सट्टा खिलाने का दौर चालू है।
यहां सबसे अधिक शिकायत
पुरानी बस्ती के लाखेनगर चौक, गंज के चूनाभट्ठी, नर्मदापारा, स्टेशन रोड, गोलबाजार, कोतवाली के नेहरूनगर, कालीबाड़ी समेत खमतराई, गुढ़ियारी के पहाड़ीपारा चौक, उरला, डीडी नगर, आजाद चौक, आमानाका, कबीर नगर, तेलीबांधा, राजेंद्र नगर आदि इलाके का नईदुनिया ने जायजा लिया और आम लोगों से बातचीत की। पता चला कि सटोरिए खुलेआम सट्टा-पट्टी काट रहे हैं। शराब-गांजा बेचने वाले भी बेधड़क अपने काम में लगे हैं। लाखेनगर, चूनाभट्ठी, रामनगर, ईदगाहभाठा, बढ़ईपारा, रामसागरपारा, गुढ़ियारी इलाके में सुबह से बाल्टियों में रखकर कोचिए शराब बेच रहे हैं। शराब दुकान बंद होने के बाद शराब का रेट तीन गुना तक हो जाता है। यही हाल अन्य मोहल्लों का है।