फिल्म ‘गंगाजल’ का एक सीन है, जिसमें अपराधी सुंदर यादव बुर्का पहनकर कोर्ट में सरेंडर करने जाता है और एसपी अजय देवगन अपनी पूरी टीम के साथ कोर्ट परिसर में घेराबंदी करके बैठे होते है। यहां पुलिस सुंदर यादव को दबोच लेती है। ठीक इसी तर्ज पर दिल्ली दंगों का आरोपी आप का निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन राउज एवेन्यू कोर्ट में पहुंचा। फर्क सिर्फ इतना था कि ताहिर ने बुर्के की जगह अपने पूरे चेहरे को मास्क से ढक रखा था।
दिल्ली पुलिस के कर्मचारी भी अलग-अलग वेश में पहले से कोर्ट परिसर में मौजूद थे। कोई चायवाला बना था तो कोई टाइप राइटर रखकर मुंशी का वेश बनाए था। कई पुलिसवाले काले कोर्ट में वकील बने हुए थे। ताहिर पुलिसकर्मियों को चकमा देने में कामयाब हो गया। जमानत याचिका खारिज होने के बाद ताहिर हुसैन कोर्ट से बाहर आया तो पुलिसकर्मियों ने उसे पहचाना और गिरफ्तार किया। ताहिर हुसैन उत्तर-पूर्वी जिले में हुई हिंसा के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या, दंगों व सांप्रदायिक सौहार्द खराब करने का आरोपी है। उसके खिलाफ चार आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह 25 फरवरी से फरार था। अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एसआईटी के एसीपी पंकज सिंह की टीम को सूचना मिली थी कि ताहिर संबंधित कड़कड़डूमा कोर्ट की बजाय राउज एवेन्यू कोर्ट में सरेंडर करेगा।
राउज एवेन्यू में महानगर दंडाधिकारी विशाल पाहूजा की कोर्ट सांसदों व विधायकों की है। एसआईटी के करीब 40 पुलिसकर्मियों ने बृहस्पतिवार सुबह 9 बजे से ही कोर्ट में घेराबंदी कर ली थी। कोई पुलिसकर्मी छोले-कुलचे वाले के पास ग्राहक खड़ा हो गया तो कोई पार्किंग अटेंडेंट बनकर कोर्ट में रहा। कई पुलिसकर्मी कोर्ट के स्टाफ के वेश में थे। ताहिर के इंतजार में पुलिसकर्मी दिनभर छोले-कुलचे खाते रहे।
उधर, ताहिर हुसैन चेहरे पर बड़ा मास्क पहनकर कोर्ट तक पहुंच गया। मास्क पहने होने के कारण पुलिसकर्मी उसे पहचान ही नहीं पाए। कोर्ट ने जाहिर हुसैन की जमानत याचिका खारिज कर दी तो वह फिर मास्क पहनकर बाहर निकला। इस बार वह पुलिसकर्मियों को चकमा देने में नाकाम रहा और एसआईटी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिसकर्मी कार में बैठाकर ताहिर हुसैन को तुरंत कोर्ट से ले गए।