दतिया। हाईकोर्ट के निर्देश पर शहर में दो जगहों पर मजिस्ट्रेट चेकिग शुक्रवार की सुबह की गई। इस दौरान ओवरलोड 45 वाहन चालकों पर 49 हजार वसूला गया। इसके साथ ही इस चेकिग में दो ऑटो ड्राइवर ऐसे पकड़े गए है जो शराब पीकर वाहन चला रहे थे। इनका मेडिकल कराकर पुलिस को सुपुर्द कि या गया। उधर, इस कार्रवाई को देख एक वाहन चालक वहां से भागने की फिराक में था। इसे मजिस्ट्रेट रोहित सिंह और एडीपीओ जितेन्द्र द्विवेदी ने यातायात पुलिस के साथ 500 मीटर की दूरी पर जाकर पकड़ा गया।
जानकारी के अनुसार शहर के राजगढ़ चौराहा पर न्यायधीश रोहित सिंह, गुंजन गौड, श्रेया शर्मा, स्वाति चौहान और एडीपीओ जितेन्द्र द्विवेदी के नेतृत्व में मजिस्ट्रेट चैकिग की गई। इसीप्रकार दूसरा पांइट ग्वालियर-झांसी हाइवे चुंगी पुल के पास न्यायाधीश आंकाशा यादव, रिचा गोयल के नेतृत्व में कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई में दोनों ही जगहों पर कु ल 45 वाहन पकड़े गए जिसमें ऑटो, ओवर लोड वाहन शामिल थे। इन सभी पर करीब 48 हजार का जुर्माना वसूला गया। उधर, इस दौरान संबंधित न्यायाधीशों की ओर से ऑटो चालकों को समझाइस भी दी गई कि वह यदि अपने ऑटो में बच्चे बैठाते है तो उनकी सुरक्षा के विशेष ध्यान रखे और दोनों ओर लोहे की जालियां लगवाएं ताकि कोई घटना घटित न हो पाए।
शराब पीकर चला रहे थे वाहन
एडीओपी जितेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि चैकिग के दौरान दो ऑटो चालक ऐसे मिले जो शराब पीकर ऑटो चला रहे थे। इसके बाद दोनों को पुलिस के हवाले कि या गया और जहां से उनका मेडिकल भी कराया गया। इसके अलावा उन्होंने बताया कि इस चेकिग में कि सी भी ऑटो वाला अपने दस्तावेज नहीं दिखा पाया।
चेकिग देख भाग रहा था ड्रायवर
एडीओपी जितेन्द्र ने बताया कि हमारी ओर से राजगढ़ चौराहा पर चेकिग की जा रही थी तभी एक वाहन ऐसा दिखा जो बिल्कुल कंडम था और उसमें क्षमता से अधिक बच्चे बैठे हुए थे। चेकिग को देख वह वहां से भागने की फिराक में था। इसी दौरान यातायात पुलिस की गाड़ी में बैठकर हम लोगों ने उसे बम-बम महादेव मंदिर के समीप जाकर पकड़ा और उस पर जुर्माना लगाया गया। इसके साथ ही गाड़ी को देखा गया तो उसमें क्षमता से अधिक बच्चे बैठे हुए थे।
वाहन चालकों में मचा हड़कंप
शहर में अलग-अलग दो जगहों पर हुई मजिस्ट्रेट चेकिग की खबर अन्य ऑटो चालकों में आग की तरह फैल गई। इसके चलते कई ऑटो चालकों ने अपने ऑटो को बंद कर दिया तो वहीं कई ऑटो चालक कार्रवाई से बचने के लिए दूसरे रास्ते से होते हुए निकले। वहीं इस प्रकार की कार्रवाई हर दो माह में की जाती है लेकि न यदि यह कार्रवाई पर यातायात पुलिस ध्यान दे तो कुछ हद तक होने वाले हादसों पर अंकु श लग सकता है।