सरकार ने जमीन लेकर नहीं दिया मुआवजा, ग्रामीणों ने जताया विरोध

छतरपुर। झांसी-खजुराहो फोरलेन सड़क को लेकर प्रशासन व ग्रामीण आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल इनके बीच विरोध है जमीन के मुआवजे को लेकर। ग्रामीणों को आरोप है कि सरकार ने उनकी खेती व घरों की जमीन का अधिग्रहण तो कर लिया, लेकिन मुआवजा देने में मनमानी की जा रही है।


इन दिनों उत्तर प्रदेश के झांसी से मध्य प्रदेश के विश्वप्रसिद्ध पर्यटन नगर खजुराहो तक फोरलेन का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। कुछ स्थानों पर मुआवजा वितरण में गड़बड़ी के आरोप लगाकर किसान काम नहीं करने दे रहे हैं। किसान अपनी समस्या को लेकर अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी समस्या का समाधान करने के बजाए उन पर पुलिस के जरिए दबाव बनाया जा रहा है, जिससे असंतोष की आग और भड़क रही है। किसानों ने जमीन के बदले दिए जा रहे मुआवजे में पक्षपात के आरोप लगाते हुए जिला पंचायत सदस्य प्रीतम सिंह यादव के नेतृत्व में नौगांव एसडीएम और एनएचएआई के अधिकारियों को ज्ञापन दिया है। जिसमें सही तरीके से जमीन का मुआवजा मांगा।


 

जनपद पंचायत नौगांव के ग्राम बिलहरी और दौरिया के किसानों का कहना है कि ये दोनों गांव विशिष्ट ग्राम के अंतर्गत आते हैं। यहां की जमीन अधिग्रहित करके जमीनों का मुआवजा विशिष्ट ग्राम के हिसाब से नहीं दिया जा रहा है। बताया गया कि नौगांव एसडीएम ने जो एवार्ड पारित किया था, उसमें किसान की 50 आरए से कम जमीन का अलग-अलग एवार्ड बनाया गया था। जिससे प्रत्येक किसान के नाम जितनी अलग-अलग जमीन थी, उसे उतने नाप के अनुसार पैसा दिया गया। बाद में दूसरा एवार्ड पारित किया गया उसमें पहले के पैमाने को स्थगित कर नया पैमाना तैयार कर लिया गया। बस यहीं से किसानों में आक्रोश व असंतोष पनपने लगा। इस नए पैमाने के हिसाब से किसान को सिर्फ 1 ही 50 आरए की जमीन को प्लॉट का रेट बनाया गया व शेष जमीन को सामान्य रेट के हिसाब से मानकर एवार्ड पारित किया गया। एसडीएम को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि जिले में ग्राम गठेवरा में जो एवार्ड पारित किया गया, वह पहले के मापदण्ड के अनुसार है। यानी कि किसान के 50-50 आरए के जितने भी टुकड़े हैं, सभी को प्लॉट के रेट के हिसाब से मानकर एवार्ड पारित किया गया। किसानों ने सवाल किया है कि आखिर एक ही जिले में मुआवजा वितरण में अलग-अलग मापदण्ड क्यों अपनाया जा रहा है।


 

इनका कहना है


कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लेकर पुलिस और प्रशासन को आपस में समन्वय बनाकर किसानों की समस्याओं का तत्परता से निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। जिस पर अमल किया जा रहा है।


बीबी गंगेले


एसडीएम, नौगांव


हाईकोर्ट ने कहा तीन माह में करें समाधान


ग्राम बिलहरी निवासी राजू अहिरवार, ग्राम पचवरा निवासी राके श राजपूत, ग्राम अलीपुरा निवासी मनोज सिंह और ग्राम दौरिया निवासी जानकी प्रसाद ने जमीन का अधिग्रहण करके सही मुआवजा राशि न देने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसकी सुनवाई के बाद जबलपुर हाईकोर्ट की बेंच ने कमिश्नर सागर को तीन माह में सही तरीके से मुआवजा वितरण करने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि मुआवजा वितरण में नौगांव अनुभाग के किसान शुरू से ही एसडीएम और पीएनसी कंपनी पर मिलीभगत के आरोप लगाकर अपने हक के लिए आवाज उठाते रहे हैं। यहां बता दें कि सरकार ने बिना मुआवजा दिए ही कई किसानों की जमीन पर कंपनी के साथ पुलिस भेजकर उनकी जमीनों पर जबरन कार्य भी कराया है। इस संबंध में अधिकारी तो दोषी रहे ही, वहीं जनप्रतिनिधि भी मौन बने रहे। किसानों की यह आवाज सुनने के लिए जब अधिकारी तैयार नहीं हुए तो किसानों ने न्यायालय की शरण लेकर न्याय की गुहार लगाई है।