छतरपुर। आंगनबाड़ी सहायिका की नौकरी पाने के लिए फर्जी अंकसूची लगाई थी। कोर्ट ने सहायिका के खिलाफ फर्जीवाड़ा करने पर मामला दर्ज किया है और वारंट जारी किया। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना ईशानगर-2 जिला छतरपुर द्वारा मप्र शासन के निर्देशानुसार ग्राम नारायणपुरा में आंगनबाड़ी केंद्र के सहायिका पद के लिए विज्ञापन जारी किया था। नारायणपुरा की रहने वाली किरण यादव और पिंकी दुबे ने आवेदन भरे थे। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने किरण यादव को प्रथम स्थान पर रखते हुए अंतिम चयन सूची जारी की थी और किरण को सहायिका पद के लिए 27 मार्च 2017 को नियुक्ति दी थी। किरण ने आवेदन के साथ कक्षा 5वीं और 8वीं की अंकसूची पेश की थी। अंकसूची की जांच कराने के लिए पिंकी ने जिला शिक्षाधिकारी के कार्यायल में आवेदन दिया था। जिसमें अंकसूची फर्जी होने की जानकारी मिली थी। फर्जी अंकसूची की जानकारी मिलने पर किरण की नियुक्ति के खिलाफ कलेक्टर न्यायालय में अपील की गई। कलेक्टर ने 23 जनरवरी 2018 को आदेश करके जिला शिक्षाधिकारी से जांच कराई थी। जांच में किरण की अंकसूची फर्जी होना पाई गई। अंकसूची में फर्जीवाड़ा करने के खिलाफ पिंकी ने एसपी, कलेक्टर, महिला बाल विकास अधिकारी को शिकायत की थी लेकिन शिकायत पर अधिकारियों के द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई। पिंकी ने उक्त फर्जीवाड़ा के खिलाफ जिला अदालत में मामला पेश किया। न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी सोनाली शर्मा की अदालत ने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय धमौरा के प्राचार्य सुरेंद्र कुमार सक्सेना और शासकीय प्राथमिक शाला धमौरा के प्रधानाध्यापक विपिन बिहारी रावत की गवाही ली। न्यायाधीश सोनाली शर्मा की कोर्ट ने मामले में पेश अंकूसची, जांच रिपोर्ट और दस्तावेजो का अवलोकन करते हुए पाया कि किरण ने सहायिका पद प्राप्त करने के लिए कक्षा 5वीं की अंकसूची में हेरफेर किया है। कोर्ट ने किरण के खिलाफ प्रथम दृष्टया आईपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 471 के तहत संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया है। कोर्ट ने मामला दर्ज करने के बाद किरण के खिलाफ वारंट भी जारी कर दिया है।
नौकरी पाने लगाई थी फर्जी अंकसूची, कोर्ट ने मामला दर्ज कराया