छतरपुर। छात्रों में गुणवत्ता उन्नयन के लिए बौद्धिक विकास प्रकोष्ठ के अंतर्गत शासकीय महाराजा महाविद्यालय छतरपुर के सरस्वती हाल में संस्कृत विभाग द्वारा व्याख्यान माला का आयोजन किया गया।
गोष्ठी में मुख्य वक्ता सनराइज महाविद्यालय नौगांव के प्राचार्य डॉ. एलएल रावत थे। उन्होंने महाकवि कालिदास के साहित्य में पर्यावरण संरक्षण विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि कई सालों पहले साहित्यकारों व कवियों ने बिगड़ते पर्यावरण के बारे में अपने लेखन से सर्तक किया था। इसके बावजूद हम रहीं संभले और वर्तमान में पर्यावरण असंतुलन का प्रकोप झेल रहे हैं। डॉ. रावत ने कालिदास के सभी ग्रंथों में वर्णित पर्यावरण संरक्षण पर बिंब-प्रतिबिंब, नायक-नायिकाओं के माध्यम से प्रकाश डाला। व्याख्यान में डॉ. एसडी चतुर्वेदी विभागाध्यक्ष भौतिकशास्त्र ने संस्कृत साहित्य का पर्यावरण संरक्षण में योगदान पर चर्चा की।
विभागाध्यक्ष संस्कृत डॉ. एसपी द्विवेदी ने कालिदास के ग्रंथों में वर्णित पर्यावरण संरक्षण और मनुष्य के संस्कार विषय पर विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शीला नायक सहायक प्राध्यापक संस्कृत ने किया। अंत में डॉ. आरपी अहिरवाल सहायक प्राध्यापक संस्कृत ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में निकिता यादव सहायक प्राध्यापक संस्कृत, नंदकिशोर पटेल सहायक प्राध्यापक हिंदी एवं बड़ी संख्या में स्नातक एवं स्नातकोत्तर संस्कृत के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।